ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है “ईश्वर का ज्ञाता”

पृष्ठभूमि

ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय महासभा संघ

परिचय

ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय महासभा संघ एक ऐसा संगठन है जो संपूर्ण विश्व में वैश्विक स्तर पर ब्राह्मण समाज के बंधुओ को एक मंच पर लाकर समाज में एक विचारधारा की और अग्रसर कर रहा है एवं राजनीति से परे एक ऐसे संगठन के रूप में कार्य कर रहा है जो सनातन धर्म को साथ लेकर सनातन धर्म में ब्राह्मणों की योगदान एवं उपयोगिता के साथ विभिन्न धार्मिक कार्यों को संपन्न करवा रहा है समाज की उन्नति के लिए महिला प्रकोष्ठ,मानवाधिकार प्रकोष्ठ, युवा प्रकोष्ठ ,विधि प्रकोष्ठ एवं मीडिया प्रकोष्ठ के माध्यम सेवैश्विक स्तर पर समाज में नवाचार लाते हुए व्याप्त कुरीतियो एवं सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए, गौ संवर्धन के लिए ,मंदिरों के नवनिर्माण के लिए, पर्यावरण के लिए योगदान, सनातन धर्म में रामचरितमानस एवं श्रीभगवत गीता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से योजना बनाकर अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रादेशिक, जिला एवं तहसील स्तर पर प्रत्येक स्तर की कार्यकारिणी के माध्यम से एवम संरक्षकगण के माध्यम से कार्य कर रहा है संगठन को अवश्यकता है ऊर्जावान समाज बंधुओ की जो संस्था से जुड़कर संस्था के उद्देश्यों को पूर्ण करने के यज्ञ में अपनी आहुति दे पाए ।

संस्था से जुड़ने का महत्व

ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय महासभा संघ

ब्राह्मण वर्ग हमेशा त्याग करता आया है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण महर्षि दधीचि ऋषि है जो मानव जाति के हित के लिए अपना जीवन दान देने में जरा भी नहीं हिचकिचाए. एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए हमेशा ब्राह्मणों का योगदान रहा है इतिहास साक्षी है आज तक ब्राह्मणों ने अपने तप से अपने कर्म से अपने ज्ञान से राष्ट्र संस्कृति एवं समाज को बहुत कुछ दिया है ब्राह्मणों का मूल मंत्र ” सर्वे भवंतु सुखिना” सदैव रहा है जब-जब धर्म की हानि हुई तब तब ब्राह्मणों ने धर्म का मार्ग दिखाया एवम धर्म का पाठ पढ़ाया और जब-जब शासक वर्ग अपनी प्रजा के धर्म के पालन से अलग हुआ तो भगवान परशुराम बनकर उनका परिष्कार किया आज के इस दौर में ब्राह्मण समाज की भूमिका अत्यंत आवश्यक एवं महत्वपूर्ण हो गई है समाज को एवं देश को नीति एवं परंपरा पर चलाने के लिए ब्राह्मणों का योगदान बहुत आवश्यक हो गया है

उद्देश्य

pandit-gru-ji-image
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समस्त ब्राह्मण संगठनों को आमंत्रित करते हुए समस्त ब्राह्मण संगठनों को एक मंच प्रदान करने के साथ राष्ट्रहित में कार्य करने का आह्वान करना एवं क्रियान्वित करवाना . अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समस्त ब्राह्मण बंधुओं में एकता स्थापित करने का प्रयास करते हुए उन्हें एक मंच एक विचारधारा में लाना। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीति से परे पूर्ण गैर राजनीतिक स्वयंसेवी संगठन तैयार करके राष्ट्रहित में सहयोग देना

  • समाज में व्याप्त आडंबर एवं कुरीतियों जैसी सामाजिक बुराइयों जैसे महिला उत्पीड़न दहेज प्रथा और अशिक्षा से मुक्त करवाने में योगदान देना। अतंरराष्ट्रीय स्तर पर ब्राह्मण संगठनों के माध्यम से विभिन्न प्रकोष्ठों के द्वारा समाज हित के कार्य में योगदान देना। ब्राह्मण समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर सनातन धर्म के पूर्णतया प्रचार प्रसार के साथ सनातन धर्म में ब्राह्मणों का योगदान एवं उपयोगिता बनाने हेतु कर्मकांड, वेद एवं विभिन्न धार्मिक कार्यों का प्रशिक्षण प्रदान करवाने का प्रयास करना
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समस्त ब्राह्मण संगठनों को आमंत्रित करते हुए समस्त ब्राह्मण संगठनों को एक मंच प्रदान करने के साथ राष्ट्रहित में कार्य करने का आह्वान करना एवं क्रियान्वित करवाना . अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समस्त ब्राह्मण बंधुओं में एकता स्थापित करने का प्रयास करते हुए उन्हें एक मंच एक विचारधारा में लाना। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीति से परे पूर्ण गैर राजनीतिक स्वयंसेवी संगठन तैयार करके राष्ट्रहित में सहयोग देना।

आयोजन

ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है “ईश्वर का ज्ञाता”

भगवद गीता में श्री कृष्ण ने ब्राह्मण की क्या व्याख्या दी है? भगवद गीता में श्री कृष्ण के अनुसार “शम, दम, करुणा, प्रेम, शील (चारित्र्यवान), निस्पृही जेसे गुणों का स्वामी ही ब्राह्मण है” और “चातुर्वर्ण्य माय सृष्टं गुण है कर्म विभागशः” (भ. गी. ४-१३)।

प्रशंसापत्र'एस

Robot 1 Sir
Robot 2 Sir
Robot 3 Sir
Robot 4 Sir
Robot 5 Sir

चित्रदीर्घा

ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय महासभा संघ